Banjara Diaries – Part 1
मैं बंजारा ले इकतारा घुमा भारत सारा। कहीं खड़े पर्वत बर्फीले। तो फिर कहीं रेत के टीले। जंगल कहीं कहीं है दलदल। कहीं झील झरनों की कलकल सागर कहीं हिलोरे लेता, कहीं नदी की धारा मैं बंजारा ले इकतारा घुमा भारत सारा… A poem I …
मैं बंजारा ले इकतारा घुमा भारत सारा। कहीं खड़े पर्वत बर्फीले। तो फिर कहीं रेत के टीले। जंगल कहीं कहीं है दलदल। कहीं झील झरनों की कलकल सागर कहीं हिलोरे लेता, कहीं नदी की धारा मैं बंजारा ले इकतारा घुमा भारत सारा… A poem I …